प्रधानमंत्री होते तो पहलगाम हमले के बाद क्या करते? ओवैसी का बयान
पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से पूछा गया कि अगर वह पहलगाम हमले के समय प्रधानमंत्री होते तो क्या करते। इस पर उन्होंने पाकिस्तान को करारा जवाब देने की बात कही और कहा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं आता।

महाराष्ट्र के पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से पत्रकार ने सवाल किया कि पहलगाम आतंकी हमले के समय अगर वह प्रधानमंत्री होते तो क्या कदम उठाते। इस पर ओवैसी ने कहा, “मैं हकीकत से वास्ता रखता हूं और अपनी पहुंच की हद जानता हूं। मुझे ख्वाब देखने का शौक नहीं है। हमारा मकसद सिर्फ सत्ता में बैठना या मंत्री बनना नहीं है।”
पाकिस्तान को करारा जवाब देने का मौका
ओवैसी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत के पास पाकिस्तान को करारा जवाब देने का असली मौका था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पूरा देश निर्णायक जवाब देने को तैयार था, तब ऑपरेशन अचानक क्यों रोक दिया गया?
ऑपरेशन सिंदूर रोका गया, खत्म नहीं हुआ
AIMIM प्रमुख ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, खत्म नहीं हुआ। यह युद्ध जैसी स्थिति थी और अचानक ऑपरेशन रोक दिया गया। अब संसद में बैठकर पीओके हासिल करने की बात की जाती है।”
केंद्र सरकार पर निशाना
ओवैसी ने हाल ही में एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान के प्रति भारत के रवैये को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि AIMIM महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम चुनावों में हिस्सा लेगी।
'आई लव मुहम्मद' विवाद पर बयान
'आई लव मुहम्मद' विवाद पर ओवैसी ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां हर समुदाय अपने धार्मिक पुरुषार्थों पर गर्व करता है। मुसलमानों के लिए पैगंबर मोहम्मद बहुत महत्वपूर्ण हस्ती हैं। उन्होंने कहा कि “अनुच्छेद 25 हमें धर्म की आज़ादी देता है। यदि कोई अपने धर्म के प्रति प्रेम जताता है तो यह गलत नहीं है। लेकिन BJP और RSS मानते हैं कि सिर्फ एक धर्म ही स्वीकार होना चाहिए। जबकि संविधान कहता है कि यह देश किसी एक धर्म का नहीं है।”