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Bihar Elections 2025: इस बार 14 लाख नए मतदाता डालेंगे वोट, जानिए 2020 में युवाओं का क्या रहा था असर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार 14 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। 2020 के चुनाव में युवाओं की भागीदारी ने कई सीटों पर परिणाम बदल दिए थे। जानिए इस बार चुनाव में नए वोटर्स का क्या रहेगा असर।

समाचार डेस्क
7 अक्टूबर 2025 को 07:20 am बजे
Bihar Elections 2025: इस बार 14 लाख नए मतदाता डालेंगे वोट, जानिए 2020 में युवाओं का क्या रहा था असर

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान होगा — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार कुल 7.42 करोड़ मतदाताओं में से 14 लाख नए वोटर्स पहली बार मतदान करेंगे। आयोग ने मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और रंगीन फोटो वाली ईवीएम की सुविधा की घोषणा की है। साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं।

🔹 हर सीट पर औसतन 5,765 नए मतदाता

बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 5,765 नए मतदाता जुड़े हैं। तुलना करें तो 2020 के चुनाव में नए मतदाताओं की संख्या 11.17 लाख थी, यानी प्रति सीट लगभग 4,597 वोटर्स पहली बार वोट डाल रहे थे।

वहीं 2015 के चुनाव में नए मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 24 लाख थी — हर सीट पर औसतन 9,930 नए वोटर्स जुड़े थे।

🔹 2020 चुनाव में युवाओं ने फूंकी थी जान

2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। भाजपा को 74, जदयू को 43, राजद को 75, कांग्रेस को 19 और वाम दलों को 16 सीटें मिली थीं।

दिलचस्प बात यह रही कि उस चुनाव में 56 सीटों पर जीत-हार का अंतर बेहद कम था। वहीं 46 सीटों पर नए वोटर्स की संख्या ही जीत के अंतर से ज्यादा थी। 2020 में औसतन जीत का अंतर 16,825 वोट रहा।

🔹 2015 में भी नए वोटर्स ने बदले थे समीकरण

2015 में जीत का औसत अंतर 18,108 वोट था, जो उस समय के नए मतदाताओं की औसत संख्या (लगभग 9,900) से दोगुना था। उस चुनाव में 73 सीटों पर नए वोटर्स ने निर्णायक भूमिका निभाई थी। भाजपा ने 30, जदयू ने 16, राजद ने 13 और कांग्रेस ने 9 सीटें नए वोटर्स के दम पर जीती थीं।

तरारी सीट पर तो भाकपा(माले) के उम्मीदवार ने लोजपा के प्रत्याशी को सिर्फ 272 वोटों से हराया था, जबकि उस क्षेत्र में करीब 9,900 नए वोटर्स जुड़े थे।

🔹 इस बार फिर युवाओं पर रहेगी नजर

पिछले चुनाव में युवाओं ने रोजगार, शिक्षा और पलायन जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी आवाज उठाई थी। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाकर युवा मतदाताओं को आकर्षित किया था, जबकि एनडीए ने सुशासन और विकास का दावा किया था।

अब 2025 के चुनाव में देखने वाली बात यह होगी कि नए मतदाता किस मुद्दे को प्राथमिकता देंगे और किसके पक्ष में हवा बनाएंगे।

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