लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग पर हिंसक प्रदर्शन, लेह में भाजपा कार्यालय में आग, पुलिस फायरिंग में 4 की मौत
लेह में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन हिंसक हो गए। पुलिस फायरिंग में 4 लोगों की मौत और 56 घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

लेह: लद्दाख में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बुधवार को हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश में गोलीबारी हुई, जिसमें चार लोगों की मौत और कम से कम 56 लोग घायल हुए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घायलों में पाँच की हालत गंभीर है।
हिंसक प्रदर्शन के दौरान लेह स्थित भाजपा कार्यालय और कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू करते हुए चार या अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है।
सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल तोड़ी
35 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने इस हिंसा के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि लोग गुस्से और निराशा से उग्र हो गए हैं क्योंकि केंद्र ने 2019 के बाद किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किया। वांगचुक ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि यह सही रास्ता नहीं था और संघर्ष शांति के साथ होना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख भी केंद्र द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहा है, ठीक वैसे ही जैसे जम्मू-कश्मीर। वहीं, महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र सरकार से “संकट प्रबंधन” से आगे बढ़कर ईमानदारी से हालात की समीक्षा करने की अपील की।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
यह विरोध प्रदर्शन छात्र और युवा संगठनों द्वारा राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की माँग के समर्थन में बुलाए गए बंद का हिस्सा था। वांगचुक के साथ भूख हड़ताल पर बैठे कुछ बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ने के बाद तनाव और बढ़ गया।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने भी प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और कहा कि यह आंदोलन केंद्र शासित प्रदेश मॉडल की विफलता को उजागर करता है।
लद्दाख का यह उग्र आंदोलन अब केंद्र और लेह के शीर्ष निकाय के बीच 6 अक्टूबर को प्रस्तावित वार्ता को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकता है।