पीएम मोदी: 'वन नेशन वन टैक्स' से देश दर्जनों करों से आजाद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीएसटी के जरिए 'वन नेशन, वन टैक्स' का सपना साकार हुआ है। 22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू होंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घोषणा की कि जीएसटी के माध्यम से भारत 'वन नेशन, वन टैक्स' के सपने को साकार कर चुका है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक सुधार से देश दर्जनों जटिल करों के जाल से मुक्त हो गया है।
नवरात्रि के पावन अवसर पर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "कल से देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। 22 सितंबर से जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत हो रही है।"
पुराने कर व्यवस्था की समस्याएं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि पहले देश में कैसी जटिल कर प्रणाली थी। उन्होंने कहा, "पहले एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स न जाने भांति-भांति के दर्जनों टैक्स देश में थे।"
प्रधानमंत्री ने एक दिलचस्प उदाहरण देते हुए बताया कि 2014 में एक विदेशी अखबार में छपी थी कि एक कंपनी के लिए बेंगलुरु से हैदराबाद सामान भेजने की बजाय पहले बेंगलुरु से यूरोप भेजना और फिर यूरोप से हैदराबाद भेजना आसान था। "टैक्स और टोल की जंजाल की वजह से ये तब के हालात थे," उन्होंने कहा।
जीएसटी: एक क्रांतिकारी बदलाव प्रधानमंत्री ने जीएसटी को आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार बताया। उन्होंने कहा, "2014 में देश ने प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौंपा था तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया।"
उन्होंने बताया कि केंद्र और सभी राज्यों के सहयोग से ही यह महत्वाकांक्षी सुधार संभव हो पाया। "हमने हर स्टेकहोल्डर की, हर राज्य की शंका का समाधान किया," पीएम मोदी ने कहा।
नई जीएसटी संरचना के फायदे सरल कर ढांचा 22 सितंबर से लागू होने वाली नई जीएसटी व्यवस्था में मुख्यतः केवल दो स्लैब होंगे - 5% और 18%। पीएम मोदी ने बताया कि रोजमर्रा के उपयोग की अधिकांश वस्तुएं अब और भी सस्ती हो जाएंगी।
आवश्यक वस्तुओं पर राहत प्रधानमंत्री ने कहा कि खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य बीमा जैसी आवश्यक वस्तुओं पर या तो कोई टैक्स नहीं होगा या केवल 5% टैक्स लगेगा।
महत्वपूर्ण आंकड़े पीएम मोदी ने बताया कि जिन वस्तुओं पर पहले 12% टैक्स लगता था, उनमें से 99% चीजें अब 5% टैक्स के दायरे में आ गई हैं। इसी प्रकार 28% स्लैब की 90% वस्तुएं अब 18% के ब्रैकेट में आ जाएंगी।
आर्थिक प्रभाव और बचत प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि जीएसटी और आयकर की बचत को मिलाकर भारतीय जनता को कुल 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा, "यह बचत गरीब, मध्यम वर्गीय लोग, न्यू मिडिल क्लास, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी सभी को लाभान्वित करेगी।"
व्यापार और निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास कहानी को तेज करेंगे। "यह व्यापार को और आसान बनाएंगे, निवेश को अधिक आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साथी बनाएंगे," उन्होंने कहा।
स्वदेशी पर जोर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "गर्व से कहें, मैं स्वदेशी इस्तेमाल करता हूं।" उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे अपनी दुकानों को स्वदेशी उत्पादों से सजाएं।
भविष्य की दिशा प्रधानमंत्री ने कहा कि रिफॉर्म एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। "जब समय बदलता है, देश की जरूरत बदलती है तो नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म भी जरूरी होते हैं," उन्होंने कहा।
उन्होंने MSMEs से अपेक्षा जताई कि भारत में जो भी निर्माण हो, वह विश्वस्तरीय होना चाहिए।
त्योहारी सीजन में खुशी प्रधानमंत्री ने त्योहारी सीजन में इन सुधारों के लागू होने को शुभ संकेत बताया। "त्योहार के इस सीजन में देश के हर परिवार में खुशियां बढ़ेंगी," उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन भारत की कर व्यवस्था के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। 'वन नेशन, वन टैक्स' के सपने को साकार करने वाले इन सुधारों से न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।