पवन सिंह की राजनीति: हीरो से नेता बनने की नई कहानी
भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने फिल्मों के बाद राजनीति में भी कदम रख दिया है। एक समय निर्दलीय चुनाव लड़कर चर्चा में आए पवन सिंह अब भारतीय जनता पार्टी के साथ दिखाई दे रहे हैं। क्या उनकी लोकप्रियता राजनीति में भी सफलता दिला पाएगी?

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह सिर्फ गानों और फिल्मों तक सीमित नहीं रहे। अपने हिट गानों जैसे “हिलेला आरा डिस्टिक” और “कमरिया करे लप-लप” से लोगों की जुबान पर चढ़ने वाले पवन सिंह अब राजनीति के अखाड़े में भी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह को भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल से टिकट देना चाहती थी, लेकिन वे अपनी पसंदीदा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरकर अपनी ताकत दिखाई। हालांकि वे जीत नहीं पाए, लेकिन पूरे इलाके में चर्चा का विषय जरूर बन गए।
राजनीति अवसर पकड़ने की कला है। पवन सिंह ने यह समझा और आखिरकार भाजपा का दामन थाम लिया। एक चर्चित और लोकप्रिय चेहरे के तौर पर उनका असर यूपी और बिहार में बेहद मजबूत है। भाजपा को भी उनके आने से एक भीड़ जुटाने वाला नया स्टार चेहरा मिल गया है।
फिल्मों से राजनीति तक का उनका सफर इसलिए खास है क्योंकि वे केवल एक अभिनेता नहीं बल्कि जनता के बीच गहराई से लोकप्रिय शख्सियत हैं। हर पार्टी चाहती थी कि पवन सिंह उनके साथ आएं, लेकिन उन्होंने भाजपा का चुनाव किया, जो जातीय और सामाजिक समीकरण के हिसाब से भी उन्हें सही विकल्प लगा।
अब देखना यह होगा कि राजनीति पवन सिंह को कितना मौका देती है और पवन सिंह राजनीति को कितना आगे ले जा पाते हैं। फिलहाल इतना तय है कि भोजपुरी सुपरस्टार से नेता बनने की उनकी कहानी अब और भी दिलचस्प होती जा रही है।